वशीकरण का तात्पर्य है-किसी व्यक्ति अथवा प्राणी को अपने वश में करना । जिन मंत्रो के प्रयोग से प्राणी मात्र को वश में किया जाता हो, वे सभी वशीकरण मंत्र कहलाते हैं । इन मंत्रो का प्रयोग मित्र एवं शत्रु पर किया जाता है | वशीकरण प्रयोग करने वाले साधक को हमेशा मधुर व विनर्म वाणी बोलनी चाहिए |
मंत्र
'ॐ ह्रीं क्लीं ऐल्लो भोगप्रदा भैरवी
मातंगी त्रैलोक्यां वशमानय स्वाहा ।'
प्रयोग-विधि -
गोरोचन एवं मैनसिल को घिसते समय इस मंत्र का १०००० बार जाप करना चाहिए । तत्पश्चात् तिलक लगाते समय भी इस मंत्र का सात बार जाप करना चाहिए । फिर तिलक लगाकर शत्रु के समीप पहुंच जाएँ , वह शत्रु आपके वशीभूत हो जाएगा ।